મારી જેમ ...... કવયિત્રી :- વનિતા રાઠોડ - રાજકોટ
मेरी तरह ...... ।। वनिता राठोड।।
आप बेशक रूठ जाओ अब यहाँ मेरी तरह।
फिर खुद ही मान जाओ तुम जहाँ मेरी तरह।।
देखकर में आपकी सुरत जीऐ जाती रहूँ।
क्युं उदासी छा गई हैं अब वहाँ मेरी तरह।।
आपकी आंखों से बहता रहता एक आंसू हूँ मैं।
हो जाओ तुम इस समंदरमे रवां मेरी तरह।
जो भी जाना चाहें उसकों जाने दो मंजिलकी और।
रुक ना जाए इस जमीं पर कारवां मेरी तरह।
हुं पशेमाँ आपसे में आपकी खामोशी पर।
क्या करु के हो गयें है बेजुबां मेरी तरह।।
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